SRI DHARACHARYA JI MAHARAJ
आपका जन्म त्रिवेणी संगम के पूतपवन से अभिषिक्त श्री चित्रकूट धाम की निकटता से धन्यीकृत दक्षिण शरीरा ग्राम से श्रावण कृष्ण द्वितीया सं. 2031 ( 7-7-74) को श्री गौतम गोत्र समुद्र से शरद्पूर्ण चन्द्र के समान हुआ. आप अपने पवित्र जन्म के द्वारा पं. श्रीरामसूर्य मिश्र एवं श्री मती यशोदा देवी को पिता एवं माता का पद देकर उनके पितृत्व एवं मातृत्व को अतिशय गौरवान्वित किया.
Tuesday, March 8, 2011
श्रीधराचार्य जी का जन्म त्रिवेणी संगम के पूतपवन से अभिषिक्त श्री चित्रकूट धाम की निकटता से धन्यीकृत दक्षिण शरीरा ग्राम से श्रावण कृष्ण द्वितीया सं. 2031 ( 7-7-74) को श्री गौतम गोत्र समुद्र से शरद्पूर्ण चन्द्र के समान हुआ. आप अपने पवित्र जन्म के द्वारा पं. श्रीरामसूर्य मिश्र एवं श्री मती यशोदा देवी को पिता एवं माता का पद देकर उनके पितृत्व एवं मातृत्व को अतिशय गौरवान्वित किया. यथासमय यथाविधि उपनयनादि संस्कारों से संस्कृत होकर आप प्रारम्भिक शिक्षा को पूर्ण कर माध्यमिक शिक्षा के लिए अग्रसर हुए, परन्तु आधुनिक विज्ञान प्रधान शिक्षा, शल्य क्रिया (चीरफ़ाड़) आदि प्रधान होने के कारण आपका अन्तर्मानस अत्यन्त खिन्न हो उठा, और आप हरिद्वार आदि पवित्र तीर्थों में शास्त्रतत्वज्ञ एवं पारदृश्वा विद्वानों के सन्निधि में, शास्त्रों का अभ्यास करते हुए शिक्षा के अगले सोपान की शुरुआत वृन्दावन की भक्तिभूमि से किया.
For mor visit :-
http://www.totalbhakti.com/dharacharya-ji-video.php?vId=4251
Subscribe to:
Posts (Atom)